January 2, 2013

क्या हम सच में आजाद है


जशन मनाओ दोस्तों आज दिन आजादी का है 
एक प्रश्न लेकिन पुचो दिल से क्या हम सच में आजाद है 

आजादी वो है जहा हर व्यक्ति अपनी व्यथा से मुक्त है 
किसानो की इस भूमि पर उन्ही की जान मुफ्त है 

अनाज से भरे जहा सेकड़ो गोदाम है 
वाही भूख से बेहाल करोडों इंसान है

सुरक्षाबल जो इस वतन का अभिमान है 
कफनों में उनके भी दलालों का नाम है 

चाँद तक पहुच गया आज हिन्दुस्तान है
पर लाखों को रहने के लिए ना छत ना कोई मुकाम है 

आतंकी वारदातों के पशचात सुने हमने कई नेताओं के विचार है 
लेकिन सड़क पर मरता तो आखिर एक आम इंसान है 

आज एक सत्याग्रही की नहीं कोई पहचान है 
बस कोई सचिन या कोई शाहरुख़ का नाम है 

क्या येही भगत सिंग के सपनों का हिन्दुस्तान है
जहा लोगों का नहीं बस किसी संघ या किसी परिवार का राज है

फिर भी में कहूंगा दोस्तों के मेरा भारत महान है
क्युकी इस मिट्टी में शहीदों का बलिदान है 

आखिर में, एक प्रशन पुचो खुदसे, 
आजाद होते हुए भी, क्या हम सच में आजाद है

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