जशन मनाओ दोस्तों आज दिन आजादी का है
एक प्रश्न लेकिन पुचो दिल से क्या हम सच में आजाद है
आजादी वो है जहा हर व्यक्ति अपनी व्यथा से मुक्त है
किसानो की इस भूमि पर उन्ही की जान मुफ्त है
अनाज से भरे जहा सेकड़ो गोदाम है
वाही भूख से बेहाल करोडों इंसान है
सुरक्षाबल जो इस वतन का अभिमान है
कफनों में उनके भी दलालों का नाम है
चाँद तक पहुच गया आज हिन्दुस्तान है
पर लाखों को रहने के लिए ना छत ना कोई मुकाम है
आतंकी वारदातों के पशचात सुने हमने कई नेताओं के विचार है
लेकिन सड़क पर मरता तो आखिर एक आम इंसान है
आज एक सत्याग्रही की नहीं कोई पहचान है
बस कोई सचिन या कोई शाहरुख़ का नाम है
क्या येही भगत सिंग के सपनों का हिन्दुस्तान है
जहा लोगों का नहीं बस किसी संघ या किसी परिवार का राज है
फिर भी में कहूंगा दोस्तों के मेरा भारत महान है
क्युकी इस मिट्टी में शहीदों का बलिदान है
आखिर में, एक प्रशन पुचो खुदसे,
आजाद होते हुए भी, क्या हम सच में आजाद है
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